Success Key-04. बातचीत में कुशल बनिए।

किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए वाकपटुता आवश्यक है। चाहे आप किसी जॉब के लिए इंटरव्यू दे रहे हों या किसी व्यवसाय में कामयाब होना चाहते हों, बिना अपनी बातों को प्रभावशाली तरीके से रखे आप सफलता की सीढ़ियां नही चढ़ सकते।

और तो और परिवार में भी सामंजस्य बनाये रखने के लिए भी बातचीत में कुशल होना जरूरी है। एक कहावत है-

बातें हाथी पाइए। बातें हाथी पांव।।

अर्थात अगर बातचीत करने में कुशलता हो तो हाथी की सवारी की जा सकती है और यदि बातचीत करने का तरीका गलत हो तो हाथी के पैरों तले कुचले भी जा सकते हैं।

बातचीत की कला में पारंगत होने के लिए आगे दिए गए सुझावों को अमल में लाया जा सकता है-

वाणी में मधुरता लाइए– मीठी बोली के सभी कायल होते हैं। मीठी जबान में बोली गई कड़वी बात भी बुरी नही लगती। इसलिए, प्रयास करें कि जिससे भी बात करें, अपनी सामान्य आवाज में ही करें। ऊंची आवाज में या गुस्से में किसी से बात न ही करें तो अच्छा। ऊंची आवाज में बात करने से समस्याएं सुलझने के बजाय उलझती हैं।  इसीलिए कहा गया है-

मीठी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।

औरन को शीतल करै, आपहु शीतल होय।।

भावार्थ यह कि किसी से ऐसी आवाज में बात करें जिससे उसकी आत्मा प्रसन्न हो जाये। अन्य लोग भी आनन्दित हों साथ ही आपको भी शीतलता प्राप्त हो।

बहस न करें– आज तक मैंने कभी भी बहस करने का कोई लाभ नही देखा।

यदि आप बहस में हारते हैं, तब तो आप हारते ही हैं। लेकिन, आप तब भी आप हारते हैं जब आप जीतते हैं। अब, आप पूछेंगे – कैसे? तो जब आप जीतते हैं तो सामने वाले को बुरा लगता है और उसके साथ आपके रिश्ते पर बुरा असर पड़ता है। इस तरह से आप रिश्तों को खोते हैं।

इसलिए, बेहतर यह है कि किसी से भी बहस ना करें। अपनी बात कहें और चुप बो जाएं। अगर आप सही हैं तो आज नही तो कल सामने वाले को पता चल ही जाएगा।

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